COVID 19 क्या है?
कोविड-19 (COVID-19) जिसे कोरोना वायरस रोग कहा जाता है, 2019 में चीन के वुहान शहर से इसका शुरुआत हुआ और देखते ही देखते पूरे दुनिया में फैल गया। यह महामारी SARS-CoV-2 नामक नए वायरस के कारण हुई। इसने स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, अर्थव्यवस्था और सामाजिक जीवन को बुरी तरह बर्बाद किया था।
कोविड-19 (COVID 19)का संक्रमण और लक्षण कैसे पता चलता है?
यह रोग मुख्य रूप से खाँसी, छींक, बोलने या संक्रमित सतह को छूने से फैलता है,या अगर आप किसी संक्रमित आदमी के कॉन्टैक्ट में आते है तो इससे भी फैल सकता है।
इसके प्रमुख लक्षण हैं इस प्रकार है:-
- तेज बुखार
- सूखी खाँसी
- गले में खराश
- थकान
- सांस लेने में कठिनाई
- स्वाद और गंध की कमी
भारत में कोविड-19 आया तो इसका क्या प्रभाव परा ?
- पहली लहर (2020): लॉकडाउन लागू किया गया, स्कूल-कॉलेज और उद्योग बंद हो गए। मजदूरों और गरीबों को बड़ी परेशानी हुई। खास कर के गरीब और मजदूर लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।जिससे लोगों के साथ साथ देश पर भी बहुत बुरा प्रभाव परा।
- दूसरी लहर (2021): यह अधिक घातक साबित हुई। ऑक्सीजन की कमी, अस्पतालों में भीड़ और मृत्यु दर में वृद्धि ने स्वास्थ्य सेवाओं की कमजोरी उजागर की इस लहर में लाखों लोगों न अपना जान गमाया,हजारों लोग इलाम सही समय पर न मिलने से जान गमाया,खासकर प्रवासी मजदूरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना परा,जिन लोगों को ट्रेन,बस या कोई आने का साधन न मिला तो हजारों किलो मीटर पैदल चल कर अपने घर को लौटे।
लॉकडाउन और उसका प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव:
- संक्रमण की रफ्तार पर नियंत्रण
- लोगों में जागरूकता
- परिवारों के साथ समय बिताना
- नकारात्मक प्रभाव:
- रोजगार और आर्थिक संकट
- प्रवासी मजदूरों की समस्याएँ
- शिक्षा पर गहरा असर
कोविड-19 और शिक्षा
- स्कूल और कॉलेज लंबे समय तक बंद रहे। जिससे बच्चों के पढ़ाई पर काफी बुरा असर देखने को मिला।
- ऑनलाइन पढ़ाई का दौर शुरू हुआ।
- ग्रामीण और गरीब परिवारों के छात्रों को कठिनाई हुई, क्योंकि इंटरनेट और स्मार्टफोन की सुविधा सभी के पास नहीं थी।कुछ लोगों के पास था बस यही एक पढ़ाई का जरिया बचा हुआ था।
टीकाकरण अभियान
- कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन सबसे बड़ा हथियार साबित हुई।
- भारत ने "कोवैक्सिन" और "कोविशील्ड" जैसी वैक्सीन विकसित की।
- 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ।
- टीकाकरण से मृत्यु दर कम हुई और लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा।
कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य पर क्या अशर देखने को मिला?
- लोगो और सामाजिक दूरी ने मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाला।लोग अपने घर के लोगों से भी मिलने से डरते थे।
- नौकरी और भविष्य की अनिश्चितता ने तनाव, चिंता और अवसाद को बढ़ाया। लाखों लोगों का रोजगार और नौकरी चली गई लोगो को पैसों के कमी हो गया।
- कई लोग अकेलेपन का शिकार हुए और सामाजिक जुड़ाव कम हो गया।
सरकार और समाज की भूमिका
- सरकार ने लॉकडाउन, मास्क अनिवार्यता, राहत पैकेज और जागरूकता अभियान चलाए।
- समाजसेवी संगठनों ने भोजन, दवाइयाँ और ऑक्सीजन उपलब्ध कराकर लोगों की मदद की।
- युवाओं और स्वयंसेवकों ने सोशल मीडिया और ग्राउंड लेवल पर बड़ी भूमिका निभाई।
कोविड-19 से हमें क्या सीखने को मिला?
- स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करना आवश्यक है।
- स्वच्छता और व्यक्तिगत सुरक्षा आदतें जीवन का हिस्सा बनानी चाहिए।
- परिवार और समाज का सहयोग कठिन समय में सबसे बड़ा सहारा है।
- डिजिटल तकनीक शिक्षा और रोजगार के लिए अनिवार्य है।
- वैश्विक महामारी से निपटने के लिए देशों का आपसी सहयोग जरूरी है।
निष्कर्ष
कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को यह सिखाया कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है। इसने मानव जीवन, अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे को हिला कर रख दिया। लेकिन टीकाकरण, सावधानियाँ और एकजुटता ने हमें इससे लड़ने की ताकत दी। आगे भी यदि हम स्वच्छता, स्वास्थ्य नियमों और तकनीकी सहयोग को अपनाएँ, तो किसी भी महामारी से सफलतापूर्वक मुकाबला कर सकते हैं।आशा है कि आप भविष्य में अगर ऐसा कोई आपदा आया तो हमलोग और मजबूती से लड़ेंगे।


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