चेचक (Chicken Pox): कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय | संपूर्ण जानकारी हिंदी में

चेचक क्या है ?
चेचक, जिसे अंग्रेज़ी में Chicken Pox कहते है, एक बहुत ही  संक्रामक और वायरल रोग है। यह रोग Varicella-Zoster Virus (VZV) के संक्रमण से होता है। यह रोग बच्चों में अधिक सामान्य होता है और बहुत जल्द फैलता है, परंतु कभी-कभी वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है। चेचक को हिंदी में मंकी या छोटी माता भी कहा जाता है। इस रोग में शरीर पर छोटे-छोटे फफोले या दाने निकल आते हैं, जो बाद में पपड़ी बनकर सूख जाते हैं।
चेचक कभी-कभी साधारण लग सकता है, लेकिन यदि इसका सही उपचार न किया जाए, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए इसकी जानकारी, लक्षण, कारण और बचाव के उपायों को समझना बहुत आवश्यक है।ताकि समय रहते आप इससे खुद को और अपने बच्चे को बचा सके। 

चेचक का कारण क्या है ?
चेचक का मुख्य कारण Varicella-Zoster Virus है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने या उसके फफोलों से निकलने वाले द्रव के संपर्क में आने से फैलता है। यदि कोई व्यक्ति चेचक से पीड़ित व्यक्ति के बहुत करीब आता है, तो उसे भी यह वायरस संक्रमित कर सकता है।ये बीमारी चेचक से बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से फ़ैल सकता है।यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत तेजी से फैलता है, विशेष रूप से जब व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

चेचक के क्या  लक्षण है ?
चेचक के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं। आमतौर पर वायरस शरीर में प्रवेश करने के 10 से 21 दिनों के भीतर इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

चेचक के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित इस प्रकार है :
1. बुखार: शुरुआत में हल्का बुखार होता है, जो धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
2. थकान और सिरदर्द: रोगी को कमजोरी, थकान और सिरदर्द महसूस होता है।
3. भूख में कमी: भोजन करने की इच्छा नहीं होती।
4. त्वचा पर दाने: कुछ दिनों बाद चेहरे, पीठ या पेट पर छोटे लाल दाने उभरने लगते हैं।
5. खुजली और जलन: इन दानों में खुजली और हल्की जलन होती है।
6. फफोले बनना: दाने बाद में तरल से भरे फफोलों में बदल जाते हैं।
7. पपड़ी बनना: कुछ दिनों बाद ये फफोले सूखकर पपड़ी बन जाते हैं और धीरे-धीरे गिर जाते हैं।

चेचक का संक्रमण कैसे फैलता है
चेचक एक एयरबोर्न डिज़ीज़ है, यानी यह हवा के माध्यम से भी फैल सकती है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली सूक्ष्म बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जो आसपास के व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं।

यह रोग निम्न माध्यमों से फैलता है:

  • - संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से
  • - संक्रमित वस्त्र, बिस्तर या तौलिया उपयोग करने से
  • - फफोलों के द्रव के संपर्क में आने से

इसलिए, चेचक के रोगी को दूसरों से अलग रखना बहुत आवश्यक है ताकि संक्रमण न फैले।

चेचक का उपचार (Treatment)
चेचक का कोई विशेष औषधीय इलाज नहीं है, क्योंकि यह वायरस से होने वाला संक्रमण है। लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करने और रोगी को राहत देने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जिससे चेचक से बीमार्फ व्यक्ति को आराम मिले। 

1. आराम: रोगी को पर्याप्त आराम देना चाहिए ताकि शरीर संक्रमण से लड़ सके।
2. हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी, सूप और जूस का सेवन करें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
3. दवाइयाँ: बुखार के लिए पैरासिटामोल या डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाएँ ली जा सकती हैं।
4. खुजली से राहत: कैलामाइन लोशन या ठंडे पानी से स्नान खुजली को कम कर सकते हैं।
5. खुजली न करें: दानों को खुजलाने से निशान रह सकते हैं या संक्रमण बढ़ सकता है।
6. साफ-सफाई: शरीर को साफ रखें और हल्के कपड़े पहनें।

गंभीर मामलों में डॉक्टर एंटीवायरल मेडिसिन जैसे Acyclovir देने की सलाह दे सकते हैं, जो संक्रमण को कम करने में मदद करती है।

चेचक से बचाव (Prevention) कैसे करे?
चेचक से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है टीकाकरण (Vaccination)

1. वैरिकेला वैक्सीन (Varicella Vaccine): यह टीका बच्चों को 12 से 15 महीने की उम्र में लगाया जाता है।
2. बूस्टर डोज: 4 से 6 वर्ष की उम्र में दूसरी डोज दी जाती है।
3. वयस्कों के लिए: जिन लोगों को कभी चेचक नहीं हुआ है या जिन्होंने बचपन में टीका नहीं लगवाया है, उन्हें भी यह वैक्सीन लगवानी चाहिए।

चेचक के घरेलू उपचार (Home Remedies)
कुछ घरेलू उपाय चेचक के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं, जैसे:

1. नीम के पत्ते: नीम में एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसके पानी से स्नान करने से खुजली में राहत मिलती है।
2. ओटमील स्नान: ओटमील को पानी में मिलाकर स्नान करने से त्वचा को ठंडक मिलती है।
3. तुलसी और हल्दी: ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
4. शहद: त्वचा पर शहद लगाने से फफोलों की जलन और खुजली कम होती है।
5. ठंडा दूध: ठंडे दूध में कपड़ा भिगोकर त्वचा पर लगाने से राहत मिलती है।

चेचक के दौरान क्या न करें

  • - खुजली या फफोलों को फोड़ने की कोशिश न करें।
  • - तैलीय या मसालेदार भोजन न खाएं।
  • - शरीर को गर्म या पसीने में रहने से बचाएं।
  • - संक्रमित व्यक्ति से अन्य लोगों को मिलने न दें।
चेचक से होने वाली जटिलताएँ (Complications)
हालांकि चेचक सामान्यत: हल्का संक्रमण होता है, लेकिन कभी-कभी यह गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है, जैसे:

  • - त्वचा पर स्थायी निशान
  • - फेफड़ों में संक्रमण (न्यूमोनिया)
  • - मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस)
  • - गर्भवती महिलाओं में भ्रूण को नुकसान
  • - कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में संक्रमण का बढ़ना

इसलिए यदि लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए

चेचक और शिंगल्स (Shingles)
चेचक का वायरस शरीर में निष्क्रिय रूप से लंबे समय तक रह सकता है। बाद में जीवन में यह फिर से सक्रिय होकर Shingles या हरपीज जोस्टर नामक रोग का कारण बन सकता है। यह आमतौर पर बुजुर्गों या कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में होता है।

निष्कर्ष

चेचक केवल शारीरिक असुविधा नहीं, बल्कि मानसिक तनाव का कारण भी बन सकता है, इसलिए रोगी की देखभाल और भावनात्मक सहयोग आवश्यक जरुरी है।
थोड़ी सतर्कता और सही जानकारी से हम न केवल स्वयं को बल्कि अपने परिवार और समाज को भी इस संक्रामक रोग से सुरक्षित रख सकते हैं।


 

Post a Comment

0 Comments