क्या आपको तो नहीं है हृदय रोग ? अभी जाने इसका कारण, लक्षण, बचाव और उपचार।

 



हृदय रोग: कारण, लक्षण, बचाव और उपचार

मानव के जीवन के लिए हृदय बहुत ही महत्वपूर्ण है, जो निरंतर रक्त प्रवाहित करके शरीर के प्रत्येक अंग तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुँचाता है। लेकिन जब यही हृदय किसी कारणवश अस्वस्थ हो जाता है, तो अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याए उत्पन्न होने लगती हैं। आज के समय में हृदय रोग या कार्डियोवैस्कुलर डिज़ीज़ पूरी दुनिया में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बन चुका है। भारत जैसे विकासशील देशों में यह समस्या और भी गंभीर रूप से बढ़ रही है। बदलती जीवनशैली, असंतुलित आहार, तनाव, नशा और शारीरिक सक्रियता की कमी इस बीमारी के मुख्य कारण हो सकता है।


हृदय रोग क्या है?

हृदय रोग उन बीमारियों में से है जो हृदय और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती हैं। इसमें उच्च रक्तचाप, कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़, हृदयघात (हार्ट अटैक), हृदय गति की गड़बड़ी (अरिदमिया), हृदय विफलता और जन्मजात हृदय रोग शामिल हैं। जब हृदय तक रक्त की आपूर्ति बाधित होती है, तो हृदय की मांसपेशियाँ क्षतिग्रस्त होने लगती हैं और यही स्थिति बहुत खराब हो जाता है अगर हमलोग इसपर ध्यान न दे।


हृदय रोग के प्रमुख कारण क्या क्या है।


1. बदलती जीवनशैली – लगातार जंक फूड, तला हुआ व मसालेदार भोजन का सेवन, धूम्रपान और शराब का अत्यधिक प्रयोग हृदय रोग का मुख्य कारण बन सकता है।



2. शारीरिक निष्क्रियता – आधुनिक युग में लोग व्याम और शारीरिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं। इससे मोटापा और उच्च रक्तचाप की समस्या बढ़ती है, जो हृदय के लिए हानिकारक होता है।



3. तनाव और चिंता – निरंतर मानसिक तनाव हृदय की धड़कन और रक्तचाप पर नकारात्मक प्रभाव डालता है जब हम ज्यादा चिंता या तनाव में रहते है तो हमारा हृदय पर बुरा असर पड़ता है।



4. आनुवंशिक कारण – यदि परिवार में किसी को हृदय रोग की समस्या है तो घर के अन्य लोगों को भी हृदय रोग का समस्या हो सकता है।



5. मधुमेह और उच्च रक्तचाप – ये दोनों स्थितियाँ हृदय और धमनियों पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं, जिससे हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है अतः मधुमेह का हमेशा ध्यान रखे।



हृदय रोग के लक्षण:-

हृदय रोग के लक्षण सभी व्यक्तियों के अनुसार अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:


(1)सीने में दर्द या दबाव

(2)सांस लेने में कठिनाई

(3)थकान और कमजोरी

(4)हृदय की अनियमित धड़कन

(5)हाथ, पैर या चेहरे पर सूजन

(6)अचानक चक्कर आना या बेहोशी


हृदय रोग से कैसे बचे इसका उपाएं।

हृदय रोग से बचाव उपचार से कहीं ज्यादा अधिक प्रभावी और आसान होता है। कुछ आवश्यक उपाय जिससे आप इस से बच सकते है:-


1. संतुलित आहार – ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद और प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। नमक और चीनी का सेवन सीमित रखें।


2. नियमित व्यायाम – प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट पैदल चलना, एक्सरसाइज करना योग और प्राणायाम करना हृदय के लिए लाभकारी है।



3. धूम्रपान और शराब से परहेज़ – नशा हृदय को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाता है, इसलिए इसे पूरी तरह छोड़ना चाहिए अगर नासा छोड़ना मुश्किल हो रहा है तो आप इसे जितना हो सकता है कम कर दे।


4. तनाव प्रबंधन – ध्यान, योग, संगीत सुनना और पर्याप्त नींद लेना तनाव को कम करने के सरल उपाय हैं।


5. नियमित स्वास्थ्य जांच – रक्तचाप, शुगर और कोलेस्ट्रॉल स्तर की नियमित जांच करवाने से जोखिम को समय रहते रोका जा सकता है।


हृदय रोग का उपचार कैसे करे?

यदि किसी को हृदय रोग की समस्या हो जाए तो चिकित्सक की सलाह अनुसार दवा और उपचार आवश्यक है।


औषधि उपचार – उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और धड़कन नियंत्रित करने के लिए दवाएँ दी जाती हैं।


शल्य चिकित्सा (सर्जरी) – गंभीर मामलों में एंजियोप्लास्टी, बाईपास सर्जरी या वाल्व रिप्लेसमेंट जैसी प्रक्रियाएँ अपनाई जाती हैं।


जीवनशैली में सुधार – उपचार के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव करना दीर्घकालीन समाधान है।


भारत में हृदय रोग की स्थिति

भारत में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर चार में से एक मृत्यु का कारण हृदय रोग है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में यह समस्या गंभीर है। युवाओं में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण आधुनिक जीवनशैली है,जितना हो सके आप आधुनिक जीवनशैली से दूरी बना के रखे जिससे आप हृदय जैसे खतरनाक बीमारी से बच सके ।


इसका निष्कर्ष:-

हृदय रोग केवल शारीरिक बीमारी नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन स्तर और परिवार पर भी गहरा असर डालता है। यदि लोग समय रहते जागरूक होकर संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, नशामुक्त जीवन और तनाव रहित दिनचर्या अपनाएँ तो इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। हृदय को स्वस्थ रखना ही जीवन को लंबा और सुखद बनाने का सबसे सरल उपाय है।अगर आप ऐसा न कर पाए तो आगे चल के आपके और आपके परिवार के लिए बहुत बड़ा समस्या बन सकता है, अतः इससे से बचे और अपना ध्यान रखे।

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